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काफी बरसों पहले पढा था....... .!! पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय। ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय॥ अब पता लगा है कि, ढाई अक्षर है ...